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South Africa Dominates England in First ODI: Markram's Blitz and Maharaj's Spin Lead to Historic Win

  🏏 Match Overview: South Africa 's Commanding Victory In a remarkable display of skill and strategy, South Africa defeated England by 7 wickets in the first ODI at Headingley, Leeds , on September 2, 2025. Chasing a modest target of 132, South Africa reached 137/3 in just 20.5 overs, with 175 balls to spare. This victory marks a significant achievement, as it was South Africa's first-ever ODI win at this venue. 🔥 Aiden Markram's Record-Breaking Innings South Africa's vice-captain, Aiden Markram , delivered a blistering performance, scoring 86 runs off just 55 balls. His innings included a record-setting 23-ball half-century, the fastest by a South African opener in ODIs. Markram's aggressive approach set the tone for the chase, ensuring a swift and decisive victory. 🧙‍♂️ Keshav Maharaj's Spin Magic Spinner Keshav Maharaj was instrumental in dismantling England's batting lineup, taking 4 wickets for 22 runs. His tight lines and variations...

भारत के धार्मिक पौधे । सर्वोच्च आध्यात्मिक मूल्य वाले माने जाने वाले शीर्ष 10 पवित्र पौधों की सूचि Tree Worship Benefits

हिंदू धर्म का वृक्ष से गहरा माता है। इनका उपयोग ज्यादातर भारतीय देवी-देवताओं की पूजा के लिए करते हैं। भारत में पवित्र पौधे काफी खास हैं क्योंकि वे न केवल आपको एक बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं बल्कि मानसिक शांति और आर्थिक सफलता हासिल करने में भी मदद करते हैं।

Tree Worship Benefits

1 पीपल

पीपल का पेड़ भारत के सबसे अधिक पूजे जाने वाले पेड़ों में से एक है और इसे संस्कृत में प्लक्ष वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में, पीपल का पेड़ तीन सर्वोच्च देवताओं- विष्णु, ब्रह्मा, शिव का प्रतिनिधित्व करता है। जड़ें ब्रह्मा का प्रतिनिधित्व करती हैं, तना विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है और पेड़ की पत्तियां शिव का प्रतिनिधित्व करती हैं। औषधीय गुणों के कारण पीपल का वृक्ष को कल्पवृक्ष की संज्ञा दी गई है। पीपल के वृक्ष में जड़ से लेकर पत्तियों तक ततीश कोटि देवताओं का वास होता है। पीपल के प्रत्येक तत्व जैसे छाल, पत्ते, फल आदि सभी ओसस्धियो में काम आते है।

गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते है की इस के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा अग्रभाग में शिव का वास होता है। इसी कारण अव्श्रत्त्थ नामधारी वृक्ष को नमन किया जाता है।


2 बरगद

बरगद को वटवृक्ष कहा जाता है। बरगद के पेड़ को कृष्ण का विनम्र निवास भी कहा जाता है। बरगद के पेड़ हमेशा या तो किसी मंदिर के पास पाए जाते हैं या पेड़ के नीचे ही उनका मंदिर होता है। यह हमारे देश का राष्ट्रीय वृक्ष भी है और इसकी पत्तियां बड़ी हैं जो छाया का एक विशाल क्षेत्र प्रदान करती हैं। बरगद को देखना भगवान शिव के दर्शन करना है। हिंदू धर्म में 5 वट वृक्षो का अधिक महतत्व हैं। 

अक्षयवट 

पंचवट

वंशीवट

गयावट

सिद्धवट 


3 आम वृक्ष

पवित्र आम के पेड़ की पत्तियों और फलों का उपयोग कई धार्मिक समारोहों में किया जाता है। आम के पेड़ का उल्लेख रामायण, महाभारत जैसे महाकाव्यों और यहां तक कि पुराणों में भी किया गया है। आम के पेड़ का फल पवित्रता, प्रेम और उर्वरता का प्रतीक है। आम के रस से कई प्रकार के रोग दूर होते है।


4 केले का वृक्ष 

पवित्र केले के पेड़ का उपयोग कई धार्मिक समारोहों में किया जाता है।केले के पेड़ का फल धार्मिक समारोहों में देवी-देवताओं, विशेष रूप से भगवान गणेश और भगवान विष्णु को चढ़ाया जाता है। इस के अलावा गृह प्रवेश के दौरान द्वार के दोनो और केले के पौधे रखना बेहद शुभ माना जाता है।


5 अशोक वृक्ष

अशोक एक बहुत प्रसिद्ध सदाबहार वृक्ष है जिसमें सुंदर और सुगंधित फूल होते हैं।  हिंदू धर्म में, यह पेड़ प्रेम के देवता से जुड़ा है, जिन्हें काम देव के नाम से भी जाना जाता है। मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में अशोक के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। माना जाता है कि अशोक वृक्ष वात पित्त आदि दोष‌, अपच , विष तथा रक्त विकार नष्ट करने वाला है।


6 बेल 

हिंदू धर्म में बिल्व वृक्ष भगवान शिव की आराधना का मुख्य अंग है। बिल्व वृक्ष की तासीर बहुत शीतल होती है। बेल के पत्ते हमेशा शिव जी को अर्पित किये जाते हैं।

बेल वृक्ष की उत्पत्ति के बारे में स्कंदपुराण में कहा गया है कि एक बार देवी पार्वती ने अपनी ललाट से पसीना पोंछ कर फेंका जिसकी कुछ बूंदे मंदार पर्वत पर गिरी जिस से बेल वृक्ष उत्पन हुआ। इस वृक्ष की जड़ो में गिरिजा, तना में माहेश्वरी, शाखाओं में दक्ष्यानी, फूलों में गोरी और फलों में कात्यायनी वास करती है।


7 तुलसी

तुलसी हमारे देश के सबसे आम पवित्र पौधों में से एक है।धार्मिक अनुष्ठानों में तुलसी की हमेशा आवश्यकता होती है और यह अपने चिकित्सीय अनुप्रयोगों के लिए भी लोकप्रिय है । तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और हिंदू धर्म में तुलसी विवाह एक बहुत लोकप्रिय धार्मिक प्रथा है। तुलसी विटामिन सी से भरपूर है इसलिए इसे नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर भी कहा जाता है। तुलसी में मौजूद‌ कैम्फीन,सिंगलकैम्फीन, सिनेओल और युजेनॉल  छाती में ठंड और जमाव को कम करने में मदद करता है। इस में एंटी ऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते है जो कैंसर से बचाव करते हैं।


8 कदम्ब

कदम्ब के पेड़ के नीचे भगवान कृष्ण बांसुरी बजाते थे। बचपन में उनकी सारी गतिविधियाँ इसी पेड़ के पास होती थीं। कदम्ब का पेड़ कई देवी-देवताओं में प्रिय है। माना जाता है कि देवी दुर्गा कदम्ब वन में निवास करती हैं।


9 चंदन

चंदन को भी एक पवित्र और पवित्र वृक्ष माना जाता है। पेड़ की सुगंधित लकड़ी का पेस्ट बनाया जाता है, जिसका उपयोग भगवान विष्णु और शिव की पूजा में किया जाता है। इसके पेड़ का लेप अत्यंत शुद्ध और पवित्र माना जाता है।


10 लोटस

हमारे देश में पाए जाने वाले सभी सुंदर और आकर्षक फूलों में से कमल को सबसे शुद्ध माना जाता है। यह हमारे देश का राष्ट्रीय फूल है और इस फूल का हर इंच शुद्ध सौंदर्य है। इसका रंग आमतौर पर गुलाबी होता है और यह ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है। देवी लक्ष्मी और सरस्वती लाल और सफेद कमल पर विराजमान हैं। कमल का संबंध ब्रह्मा से भी है।

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